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नित्यानंद राय नहीं, रामनाथ ठाकुर भी देख रहे सीएम बनने का सपना

 - बिहार का अगला सीएम कौन?

- बीजेपी, लोजपा नहीं जेडीयू भी बंटी है इस सवाल पर 

* प्रभात कुमार

नित्यानंद राय नहीं, रामनाथ ठाकुर भी देख रहे सीएम बनने का सपना


आज की तारीख में सबसे ज्यादा मौजू़ं सवाल देशभर में बिहार चुनाव बना हुआ है। किसकी बनेगी सरकार और कौन बनेगा मुख्यमंत्री। 20 सालों से बिहार में सिर्फ 10 महीने को छोड़कर सीएम की कुर्सी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विराजमान हैं। 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव यह तय करेंगे कि इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का सपना पूरा होगा या नहीं। भले ही महागठबंधन की तरफ से सीम फेस राष्ट्रीय जनता दल के नेता और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रहे तेजस्वी यादव को तय कर दिया गया है। दूसरी तरफ अभी तक एनडीए में दो तरह की बातें हो रही है। गृहमंत्री अमित शाह कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद विधायक दल करेगा लेकिन उन्हीं के पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री और नेता राजीव प्रताप रूडी का कहना है कि बिहार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री थे, मुख्यमंत्री हैं और वहीं अगले मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन 2020 की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सवाल पर चुप हैं। बिहार में उनकी पहली चुनावी सभा जननायक कर्पूरी ठाकुर की धरती समस्तीपुर में हुई और उसके बाद बिहार के लेनिनग्राड नाम से मशहूर बेगूसराय की धरती पर हुई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतना जरूर कहा कि बिहार में चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरा पर उनके ही नेतृत्व में लड़ा जा रहा है।

सबसे अजीबोगरीब बात यह है कि अपनी जीत को सुरक्षित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के तमाम उम्मीदवार चाहे डिप्टी सीएम विजय सिन्हा हों या सम्राट चौधरी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल यह कहने से चूक नहीं रहे कि बिहार में मुख्यमंत्री के लिए कोई वैकेंसी नहीं है। इस सवाल पर सिर्फ लोजपा आर सुप्रीमो चिराग पासवान को छोड़कर सब खुलकर बोल रहे हैं। पूरे एनडीए में चिराग पासवान ही ऐसे नेता हैं। जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पांव छूने और उनके अगले मुख्यमंत्री होने की बात कहने के बावजूद सीएम नीतीश कुमार को बिहार के अगले मुख्यमंत्री के रूप में ना पसंद करते हैं। यह मैं नहीं कहा रहा। बिहार के जाने-माने राजनेताओं और राजनीतिक समीक्षकों का मानना है। 

मालूम हो की 2024 के लोक सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 20.52%  वोट मिला था और जनता दल यूनाइटेड को 18.52% वोट मिला। इतना ही नहीं जनता दल यूनाइटेड 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार में भारतीय जनता पार्टी से एक सीट कम लड़ी और उसने भारतीय जनता पार्टी के बराबर सफलता प्राप्त की। लोकसभा चुनाव के आधार पर भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड में वोट का अंतर सिर्फ दो प्रतिशत का है।यह बात अलग है कि 2020 के चुनाव में लोजपा रामविलास के चिराग पासवान जो मोदी के हनुमान और भाजपा लोजपा गठबंधन के कारण विधानसभा में 43 सीट जीती थी। 

2020 की कसक जो 30 और टीस  जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा या केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और केंद्रीय राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर दिल में  पार्टी के आम कार्यकर्ता जैसा नहीं हो लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश यह दर्द शायद भूल पाएं।

आज की तारीख में सबसे ज्यादा मौजू़ सवाल देशभर में बिहार चुनाव बना हुआ है। किसकी बनेगी सरकार और कौन बनेगा मुख्यमंत्री। 20 सालों से बिहार में सिर्फ 10 महीने को छोड़कर सीएम की कुर्सी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विराजमान हैं। 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव यह तय करेंगे कि इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का सपना पूरा होगा या नहीं। भले ही महागठबंधन की तरफ से सीम फेस राष्ट्रीय जनता दल के नेता और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रहे तेजस्वी यादव को तय कर दिया गया है। दूसरी तरफ अभी तक एनडीए में दो तरह की बातें हो रही है। गृह मंत्री अमित शाह कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद विधायक दल करेगा लेकिन उन्हीं के पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री और नेता राजीव प्रताप रूडी का कहना है कि बिहार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री थे, मुख्यमंत्री हैं और वहीं अगले मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन 2020 की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सवाल पर चुप हैं। बिहार में उनकी पहली चुनावी सभा जननायक कर्पूरी ठाकुर की धरती समस्तीपुर में हुई और उसके बाद बिहार के लेनिनग्राड नाम से मशहूर बेगूसराय की धरती पर हुई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतना जरूर कहा कि बिहार में चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरा पर उनके ही नेतृत्व में लड़ा जा रहा है।

सबसे अजीबोगरीब बात यह है कि अपनी जीत को सुरक्षित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के तमाम उम्मीदवार चाहे डिप्टी सीएम विजय सिन्हा हों या सम्राट चौधरी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल यह कहने से चूक नहीं रहे कि बिहार में मुख्यमंत्री के लिए कोई वैकेंसी नहीं है। इस सवाल पर सिर्फ लोजपा आर सुप्रीमो चिराग पासवान को छोड़कर सब खुलकर बोल रहे हैं। पूरे एनडीए में चिराग पासवान ही ऐसे नेता हैं। जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पांव छूने और उनके अगले मुख्यमंत्री होने की बात कहने के बावजूद सीएम नीतीश कुमार को बिहार के अगले मुख्यमंत्री के रूप में ना पसंद करते हैं। यह मैं नहीं कह रहा। बिहार के जाने-माने राजनेताओं और राजनीतिक समीक्षकों का मानना है। 

मालूम हो की 2024 के लोक सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 20.52%  वोट मिला था और जनता दल यूनाइटेड को 18.52% वोट मिला।

इतना ही नहीं जनता दल यूनाइटेड 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार में भारतीय जनता पार्टी से एक सीट कम लड़ी और उसने भारतीय जनता पार्टी के बराबर सफलता प्राप्त की। लोकसभा चुनाव के आधार पर भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड में वोट का अंतर सिर्फ दो प्रतिशत का है।यह बात अलग है कि 2020 के चुनाव में लोजपा रामविलास के चिराग पासवान जो मोदी के हनुमान और भाजपा लोजपा गठबंधन के कारण विधानसभा में 43 सीट जीती थी। 

2020 की कसक जो 30 और टीस  जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा या केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और केंद्रीय राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर दिल में  पार्टी के आम कार्यकर्ता जैसा नहीं हो लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश यह दर्द शायद भूल पाएं।

बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इस सवाल पर भारतीय जनता पार्टी के भीतर ही अलग-अलग राय हैं। फिर भी कोई भी उम्मीदवार इस चुनाव के मौके पर इस सवाल को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधे तौर पर उलझना नहीं चाहता। चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी के थिंक टैंक और गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के अगले मुख्यमंत्री के रूप में देश के गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का नाम तय कर लिया है। वह चाहते हैं कि अगले डिप्टी सीएम के रूप में चिराग पासवान बिहार की राजनीति का कमान संभाले और अति पिछड़ा राजनीति का चेहरा डिप्टी सीएम के रूप में केंद्रीय राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर हों।

2025 के चुनाव में 101 सीट में से 49 सीट अगली जाति को देने वाले भारतीय जनता पार्टी ने 52 सीट में ही दलित- महादलित, पिछड़ा - अति पिछड़ा और अल्पसंख्यक 90 फीसदी आबादी को जगह दी है। कोई भी मुसलमान भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार नहीं है। फिर भी समस्तीपुर, जननायक कर्पूरी ठाकुर और उनके पुत्र केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर को वोट के लिए साधने का पूरी तरह से प्रयास किया गया है। रामनाथ ठाकुर प्रधानमंत्री के जननायक के जन्म भूमि पर पहुंचने और समस्तीपुर की सभा से अपनी प्रसन्नता जमकर जाहिर की है। लेकिन उनके छोटे भाई की पुत्री जागृति ठाकुर ने जन सुराज के माध्यम से कम से कम घुटना टेकने की जगह अलग लकीर खींची है। 

जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अगले 5 साल के लिए मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर भारतीय जनता पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास की जनता दल यूनाइटेड के भीतर भी पर्दे के पीछे खेल जारी है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के आंखों के तारे वाले सारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वफादार पार्टी कार्यकर्ता और नेता के आंखों पर चढ़े हुए हैं। इनका पुरजोर विरोध जारी है। लिहाजा, अब पूरे बिहार की नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगली आमसभा और मुख्यमंत्री के नाम के सवाल और इसकी घोषणा को लेकर टिकी हुई है।

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